5 SIMPLE TECHNIQUES FOR HANUMAN CHALISA

5 Simple Techniques For hanuman chalisa

5 Simple Techniques For hanuman chalisa

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Yama, Kubera and the guardians from the four quarters; poets and scholars – none can express Your glory.

Expensive God, I bow on the Eternal knowledge that flows by all issues. Grant me the clarity to tell apart

भावार्थ – हे हनुमान जी! [जन्म के समय ही] आपने दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को [कोई] मीठा फल समझकर निगल लिया था।

Sādhu SādhuGood folks / monks / renunciates santaSantaSaint keKeOf tumaTumaYou rakhavāreRakhavāreKeeper / guardian

Unlike the initial Model, Hanoman during the wayang has two young children. The first is named Trigangga who's in the form of a white ape like himself. It is claimed that when he came house from burning Alengka, Hanoman had the image of Trijata's experience, Wibisana's daughter, who took treatment of Sita. Around the ocean, Hanuman's semen fell and triggered the seawater to boil.

rāmachandraRāmachandraLord Rama keKeOf kājaKājaWork samvāreSamvāreMade it easy / completed That means: You assumed a scary kind and ruined asuras (demons – the armay of Ravana) and made the Lord Rama’s mission less difficult.

पवनदीप राजन द्वारा गाया हनुमान चालीसा

भावार्थ– आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया। इस कार्य से प्रसन्न होकर भगवान् श्री राम ने आपको हृदय से लगा लिया।

भावार्थ– आप साधु–संत की रक्षा करने वाले हैं, राक्षसों का संहार करने वाले हैं और श्री राम जी के अति प्रिय हैं।

भावार्थ – आपके परम मन्त्र (परामर्श) को विभीषण ने ग्रहण किया। इसके कारण वे लंका के राजा बन गये। इस बात को सारा संसार जानता है।

Some individuals continue to keep a partial or total speedy on either of Those people two days and don't forget Hanuman as well as the theology he signifies to them.[109]

व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।

व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।

Acquiring polished the mirror of my coronary heart Along with the dust of my Expert’s lotus ft, I recite the divine fame of the best king of Raghukul dynasty, which here bestows us Along with the fruit of the many 4 initiatives.

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